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उम्दा शायरी
बेहतरीन एवं उम्दा शायरी
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ये मैं ही था जो बचा कर ले आया खुद को साहिल पर
19 October 2016
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काम सब ग़ैर-ज़रूरी हैं जो सब करते हैं
19 October 2016
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अपने चेहरे से जो ज़ाहिर है छुपायें कैसे
19 October 2016
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मैं क़तरा हो के तूफानों से जंग लड़ता हूँ
19 October 2016
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मान मौसम का कहा छाई घटा जाम उठा
19 October 2016
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रोज़ तारों को नुमाइश में ख़लल पड़ता है
19 October 2016
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1 min
रोज़ तारों को नुमाइश में ख़लल पड़ता है
मैं क़तरा हो के तूफानों से जंग लड़ता हूँ
19 October 2016
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उसूलों पे जहाँ आँच आये टकराना ज़रूरी है
19 October 2016
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लोग टूट जाते हैं, एक घर बनाने में
19 October 2016
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रगों में दौड़ते फिरने के हम नहीं क़ायल
19 October 2016
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