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हद से बड़ी उड़ान की ख्वाहिश तो यूँ लगा
जैसे कोई परों को कतरता चला गया |
मंज़िल समझ के बैठ गये जिनको चंद लोग
मैं एैसे रास्तों से गुज़रता चला गया ||
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December 30, 2017
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हद से बड़ी उड़ान की ख्वाहिश तो यूँ लगा
जैसे कोई परों को कतरता चला गया |
मंज़िल समझ के बैठ गये जिनको चंद लोग
मैं एैसे रास्तों से गुज़रता चला गया ||
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December 30, 2017 @ 9:01 am
Very nice
January 1, 2020 @ 4:46 pm
Amazing
December 19, 2018 @ 1:25 pm
Hello. And Bye.