हद से बड़ी उड़ान की ख्वाहिश तो यूँ लगा
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हद से बड़ी उड़ान की ख्वाहिश तो यूँ लगा
जैसे कोई परों को कतरता चला गया |
मंज़िल समझ के बैठ गये जिनको चंद लोग
मैं एैसे रास्तों से गुज़रता चला गया ||
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Comments #
Comment by Brijesh Ch on 2017-12-30 #
Very nice
Comment by RichardFoeft on 2018-12-19 #
Hello. And Bye.
Comment by Gautam on 2020-01-01 #
Amazing