बड़ी तो है गली कूचों की रौनक
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बड़ी तो है गली कूचों की रौनक
मगर इंसान तन्हा हो गया है
जरा अपनायत से उसने देखा
तो क्या खुद पर भरोसा हो गया है
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badee to hai galee koochon kee raunak
magar insaan tanha ho gaya hai
jara apanaayat se usane dekha
to kya khud par bharosa ho gaya hai
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