उम्दा शायरी/ Posts/ रहिमन बात अगम्य की/ रहिमन बात अगम्य की 5 March 2023·1 min रहिम दोहे रहिमन बात अगम्य की, कहनि-सुननि की नाहिं। जे जानत ते कहत नहिं, कहत ते जानत नाहिं॥